देवेंद्र बबली ने खोले दुष्यंत के राज: कहा- विधायक दल का नेता बनने के बाद उनके सुर बदल गए, अपने कोटे से 4 मंत्री भी नहीं बनाए
टोहाना जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) विधायक देवेंद्र बबली ने हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की पोल खोलनी शुरू कर दी है। देवेंद्र बबली ने कहा कि दुष्यंत चौटाला पार्टी नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पाए। यह उनकी नाकामी है। 10 विधायकों में से आज आधे भी उनके साथ नहीं हैं। बबली ने कहा कि जेजेपी के 10 विधायक चुने जाने के बाद गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया गया था। दुष्यंत को विधायक दल का नेता बनाया गया था, लेकिन विधायक दल का नेता बनने के बाद दुष्यंत के सुर बदल गए। पहले तो उन्हें पार्टी की बैठक में बुलाया जाता था, लेकिन फिर अचानक उनका व्यवहार बदल गया और विधायकों से दूरियां बढ़ गईं।
बबली ने बताया कि बीजेपी ने जेजेपी कोटे से 4 मंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दुष्यंत चौटाला खुद ही सारे विभाग लेकर बैठ गए। अगर दुष्यंत चौटाला ऐसी गलती नहीं करते तो आज पार्टी की यह हालत नहीं होती। दुष्यंत ने ऐसा क्यों किया, यह आज तक पता नहीं चल पाया है।
निशान सिंह जैसे नेताओं ने बढ़ाई दूरियां
बबली ने कहा कि जेजेपी ने निशान सिंह जैसे नेताओं को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष घोषित कर दिया। पता था कि वह पीठ में छुरा घोंपेंगे। लेकिन हमारी किसी ने नहीं सुनी और अब वही हुआ। अगर हमारी बात सुनी जाती तो हम बुरे वक्त में भी पार्टी के साथ खड़े होते, लेकिन निशान सिंह जैसे नेता ने किसी को दुष्यंत के करीब नहीं आने दिया। बबली ने कहा कि जेजेपी से विधायक बने 80 फीसदी नेता अपने दम पर विधायक बने हैं। यह अलग बात है कि सभी ने सिंबल पर चुनाव लड़ा, अब वे जेजेपी के विधायक कहलाएंगे।
बराला पर बोला हमला, भाजपा को दी नसीहत
विधायक देवेंद्र बबली ने बिना नाम लिए सुभाष बराला पर हमला बोला है। देवेंद्र बबली ने कहा कि बराला को बड़ा नेता कहना गलत है, क्योंकि उन्हें जनता ने नकार दिया है। भाजपा जनता द्वारा नकारे गए नेताओं को आगे बढ़ा रही है और इससे उसे नुकसान हो रहा है। समझ में नहीं आ रहा कि इसमें भाजपा नेताओं की क्या मजबूरी है। बबली ने कहा कि कोई भी व्यक्ति गलती से एक बार विधायक बन जाने से बड़ा नहीं हो जाता। अगर बड़े नेता में हिम्मत है तो वह एक बार फिर टोहाना से चुनाव लड़कर देखें कि कौन बड़ा है, जनता खुद बता देगी।
लोकसभा में स्थानीय मुद्दे छाए
विधायक बबली ने कहा कि इस बार लोकसभा में स्थानीय मुद्दे छाए रहे। यहां भाजपा के स्थानीय नेता के खिलाफ क्षेत्र में नाराजगी है। इसका फायदा कांग्रेस को मिला। बबली ने कहा कि शैलजा के लोगों ने मुझसे संपर्क किया और जब मेरे समर्थकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही तो हमने भी शैलजा से संपर्क कर समर्थन देने की बात कही। बबली ने कहा कि मैं पहले भी कांग्रेस में रहा हूं। मेरे लिए टोहाना के लोग पहले हैं, उसके बाद प्रदेश के लोग।
कौन हैं देवेंद्र बबली
फतेहाबाद जिले के टोहाना विधानसभा क्षेत्र से देवेंद्र बबली जननायक जनता पार्टी के विधायक हैं।
विधानसभा चुनाव-2019 में देवेंद्र बबली 52302 वोटों के भारी अंतर से जीतकर पहली बार विधायक बने थे।
2014 के विधानसभा चुनाव में बबली ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और हार गए थे।
देवेंद्र बबली हमेशा से ही समाज सेवा के कार्यों में अग्रणी रहे हैं।
देवेंद्र बबली टोहाना के बिढ़ाईखेड़ा गांव के निवासी हैं और किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। देवेंद्र बबली के दादा कैप्टन उमराव सिंह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजाद हिंद फौज में कैप्टन थे।