Haryana: हरियाणा की एक ऐसी सीट, जहां 30 साल से निर्दलीय MLA का दबदबा, BJP अब तक खाता भी नहीं खोल पाई
Haryana: पुंडरी विधानसभा सीट: निर्दलीय उम्मीदवारों का गढ़, क्या इस बार बदलेगी तस्वीर?
हरियाणा की पुंडरी विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां पर पिछले 6 विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की ही जीत हुई है। यह सीट राज्य की 17 रिजर्व सीटों में से एक है। इस सीट पर रोड समाज का दबदबा है और यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं।
इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। भाना पिछले चुनाव में भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें अच्छी संख्या में वोट मिले थे।
पुंडरी विधानसभा सीट का इतिहास
पुंडरी विधानसभा सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए थे। उस समय इस सीट पर इनेलो के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1972 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की। लेकिन 1987 के बाद से इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों का वर्चस्व रहा है।
जातिगत वोट बैंक
पुंडरी विधानसभा सीट पर रोड समाज का दबदबा है। यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं। इसके अलावा, ब्राह्मण समाज के वोटर भी अच्छी संख्या में हैं। जाट समाज के वोटर भी यहां पर हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है।
चुनावी माहौल
पुंडरी विधानसभा सीट पर चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया है। निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना भी अपने समर्थकों के साथ जमकर प्रचार कर रहे हैं।
नतीजे
पुंडरी विधानसभा सीट के नतीजे आगामी 30 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इस सीट पर जीत के लिए सभी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना का पलड़ा अभी भारी नजर आ रहा है।
इस लेख में हमने पुंडरी विधानसभा सीट के बारे में विस्तार से चर्चा की है। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों का वर्चस्व रहा है और इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। लेकिन चुनाव के नतीजे कभी भी पक्के नहीं होते हैं।