Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले इनेलो-बसपा में गठबंधन, अभय-मायावती की हुई मुलाकात

इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने शनिवार को नई दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान मायावती के भाई आनंद और भतीजे आकाश भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए दोनों के बीच गठबंधन तय हो गया है।
इस गठबंधन की घोषणा 11 जुलाई को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की जा सकती है। इनेलो को उम्मीद है कि इस गठबंधन से उसे अपना खोया जनाधार वापस मिल सकता है। इनेलो-बसपा के गठबंधन को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन अभय सिंह चौटाला ने इससे इनकार किया था। हालांकि, अभी तक दोनों पार्टियों की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। मुलाकात के बाद अभय सिंह चौटाला ने इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट कर लिखा कि उन्होंने बसपा सुप्रीमो कुमारी मायावती से उनके आवास पर मुलाकात की और देश-प्रदेश के मुख्य मुद्दों पर विशेष चर्चा की। तीसरी बार होगा गठबंधन
इससे पहले 2017 में इनेलो-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था। उससे पहले 1998 में गठबंधन हुआ था। उस दौरान गठबंधन ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें से एक सीट बसपा के खाते में गई थी।
बसपा के पास चार से छह फीसदी वोट बैंक
प्रदेश में बसपा के पास चार से छह फीसदी वोट बैंक है। खासकर यूपी से सटे इलाकों और पलवल व नूंह में पार्टी का एक समय अच्छा वोट बैंक था। 2019 के चुनाव में पार्टी को 4.2 फीसदी, 2014 में 4.4 फीसदी, 2009 में 6.7 फीसदी और 2005 में 3.2 फीसदी वोट मिले थे। पार्टी के एक-दो विधायक भी जीतते रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद बसपा भी खुद को फिर से खड़ा करने की दिशा में काम कर रही है। उसे हरियाणा में गठबंधन की जरूरत है। उसे इनेलो से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं मिल रहा है। वहीं इनेलो को भी ऐसे गठबंधन की जरूरत है जो उसका खोया जनाधार वापस ला सके।