Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, इस कांग्रेसी नेता पर ED का अटैक

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़े एक जमीन मामले में दो कंपनियों की 834 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने हुड्डा, एम्मार और एमजीएफ डेवलपर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत यह कार्रवाई की है।
 
Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, इस कांग्रेसी नेता पर ED का अटैक

Haryana: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़े एक जमीन मामले में दो कंपनियों की 834 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने हुड्डा, एम्मार और एमजीएफ डेवलपर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत यह कार्रवाई की है।

ईडी ने एम्मार इंडिया लि. की 501.13 करोड़ रुपये की संपत्ति और एमजीएफ डेवलपमेंट्स लि. की 332.69 करोड़ रुपये कीमत की 401.655 एकड़ में फैली अचल संपत्तियों को अटैच किया। अटैच की गई संपत्तियां हरियाणा और दिल्ली के 20 गांवों में स्थित हैं।

एम्मार इंडिया लि. और एमजीएफ डेवलपमेंट्स लि. दोनों पर गुरुग्राम के सेक्टर 65 और 66 में आवासीय कॉलोनी के लिए नगर नियोजक से मिले लाइसेंस के मद्देनजर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच की जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि एम्मार-एमजीएफ ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और नगर ग्राम योजनाकार विभाग (डीटीसीपी) के पूर्व निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर दिल्ली और गुरुग्राम के इलाकों में सस्ते दामों में जमीन हथिया ली थी। इस कारण न सिर्फ उन लोगों को नुकसान हुआ जिनकी जमीनें हड़पी गईं, बल्कि सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ा।

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हरियाणा में चुनावी सरगर्मी तेज है। पांच सितंबर से नामांकन शुरू होगा। ऐसे में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़े मामले में कार्रवाई से राजनीतिक स्तर पर मामला तूल पकड़ सकता है।

क्या है मामला?

पूर्व सीएम हुड्डा व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की दायर एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। एफआईआर में हुड्डा, त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स एम्मार एमजीएफ लैंड लि. और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

दावा : किसानों से समझौते कर सस्ते में हथियाई जमीन

ईडी ने जांच में पाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ छह विकास समझौते किए और किसानों से सस्ती कीमत पर जमीन हथिया ली। बाद में इस जमीन को दो कंपनियों के दो दिया गया। 2 जून 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65-67, की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी की थी। ऐसे में किसानों को कम कीमत पर जमीन बेचनी पड़ी।

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