Haryana: हरियाणा में CM के लिए कांग्रेस ने बनाए 2 फॉर्मूले, पार्टी को बहुमत मिला तो बनेंगे 2 गुट, हुड्डा- शैलजा
Haryana: हरियाणा में कांग्रेस कार्यसमिति नतीजों से पहले सीएम का चेहरा घोषित करने में अहम भूमिका निभाती है। हालांकि माना जा रहा है कि अगर इस बार कांग्रेस बहुमत में आती है तो सीएम को लेकर दो धड़े वाली पार्टी सामने आएगी। जिसमें एक धड़ा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में नजर आएगा तो वहीं दूसरा धड़ा डेमोक्रेट्स से अल्पसंख्यक सैलजा, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह की पार्टी में नजर आएगा।
एक तरफ हुड्डा अपने बेटे दलित नेता दीपेंद्र चौधरी को सीएम की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के बड़े नेता खुलकर खुद को सीएम प्रोजेक्ट कर प्रचार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटों पर कब्जा किया था, जिसकी वजह से कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी करने की स्थिति में है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कांग्रेस बहुमत में सरकार बनाती है तो क्या हुड्डा तीसरी बार सीएम बनेंगे? या शैलजा और सुरजेवाला उन्हें उसी तरह हराएंगे जैसे उन्होंने 2005 में भजनलाल को हराया था।
कांग्रेस हाईकमान ने सीएम चेहरे को लेकर मचे घमासान को देखते हुए दो फॉर्मूले तैयार किए हैं। मीडिया कैथोलिक के मुताबिक अगर 8 अक्टूबर को कांग्रेस को जादुई आंकड़ा मिल जाता है तो सीएम के चयन के लिए दो फॉर्मूले इस्तेमाल किए जाएंगे।
जानिए, क्या हैं वो दो फॉर्मूले...
1. पहले फॉर्मूले से हुड्डा प्रेमी सीएम सीएम चेहरे को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने तय किया है कि जिस खेमे का कांग्रेस में सबसे ज्यादा आना-जाना होगा, उसे सीएम चेहरा बनाया जाएगा। लेकिन अगर पार्टी 46 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए संघर्ष करती है, तो वैकि की पार्टी 50 से कम पर पहुंचती है तो डेयरी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
2. दूसरे फॉर्मूले से शैलजा का कद मजबूत अगर कांग्रेस 50 या 55 से ज्यादा सीटें जीतती है तो शैलजा को सीएम चेहरा बनाया जाएगा। समाजवादी पार्टी के चार बार सदस्य रहे राहुल गांधी 63 साल पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। शैलजा कई बार हरियाणा की राजनीति में उतरने की इच्छा भी जता चुकी हैं। 77 वर्षीय शैलजा दो बार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। साथ ही वह विपक्ष की नेता हैं और दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। कांग्रेस के लिए वह एक ऐसे सोर्स पावर वाले व्यक्ति हैं, जो सरकार से बाहर रहकर भी 10 साल बाद भी पार्टी को हरियाणा में सक्रिय बनाए हुए हैं।
इसके अलावा उनके प्रभाव क्षेत्र में पुराने जिले झज्जर, दियाड़ा और नई पीड के कुल 18 प्रमुख स्थान हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में कई बड़े नेता उनके भक्त हैं। 63 वर्षीय कुमारी शैलजा चार बार समाजवादी पार्टी की सदस्य रह चुकी हैं। हुड्डा का टेलीकॉम बजट भी काफी बड़ा है। फिलहाल वह डेमोक्रेट सेम इलेक्शन नॉर्वे संसद भवन पहुंचे हैं। सदी के दोनों ऑर्केस्ट्रा स्टॉकहोम और सेसिया में उनकी पकड़ है।