Haryana: हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में न उतारने के फैसले के बाद घमासान, सैलजा ने पेश की दलित सीएम बनने की दावेदारी
Haryana: हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में न उतारने के फैसले के बाद घमासान मच गया है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि वह कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हैं और हाईकमान के आदेश पर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान जो तय करेगा, उसके अनुसार फैसला लेंगे।
कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि कांग्रेस ने सैद्धांतिक फैसला लिया है कि किसी भी लोकसभा व राज्यसभा सांसद को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा। सांसद विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी किसी सांसद का नाम टिकट के लिए नहीं रखा जाएगा। इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ने की जिद करता है तो उसे पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी।
कुमारी सैलजा ने दलित सीएम बनने की दावेदारी पेश की थी। उन्होंने कहा था कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी।
सैलजा का विधानसभा पर ही फोकस था। वह लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव पर ही फोकस करना चाहती थीं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। सैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। इनके राज्य के करीब 11 फीसदी वोटर 9 विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा असर डालते हैं। साथ ही वह महिला चेहरा भी हैं। ऐसे में राज्य की महिला वोटर्स का भी समर्थन उन्हें मिल सकता है।