Haryana Election: हरियाणा विधानसभा में गोपनीय तरीके से काम कर रही सीक्रेट टीमें, जानें क्या है वजह
Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है। खबरों की मानें तो चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में राजनीतिक दलों के रणनीतिकार अपने पक्ष में चुनावी माहौल मजबूत करने के लिए गुप्त टीमों के रूप में सक्रिय हो गए हैं।
वे हर सीट के बदलते समीकरणों की रिपोर्ट के आधार पर फैसले ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की रणनीति दिल्ली-रोहतक में और कांग्रेस की दिल्ली के वॉर रूम में चल रही है। बताया जा रहा है कि रणनीतिकार प्रत्याशी की हकीकत जानने के लिए इनपुट जुटा रहे हैं।
एक विधानसभा क्षेत्र की टीम को दूसरे विधानसभा क्षेत्र में भेजकर फीडबैक मांगा जा रहा है। इसके बाद रिपोर्ट दिल्ली भेजी जा रही है। ऐसे काम कर रही है एजेंसी खबरों की मानें तो इस काम में एक राजनीतिक दल और एक एजेंसी भी लगी हुई है।
एजेंसी के कर्मचारी गोपनीय तरीके से विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करते हैं। बड़े नेताओं की रैलियों में आने वाले लोगों से राय लेते हैं। यहां तक कि पार्टी पदाधिकारियों और प्रत्याशियों को भी गुप्त टीमों के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है। टीम के सदस्यों को नेताओं से मिलने पर भी रोक होती है।
इस फीडबैक के अनुसार मतदाताओं को प्रभावित करने वाले नेताओं के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। अगर टीम किसी सीट पर कमजोर स्थिति की रिपोर्ट देती है तो केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रचार अभियान को धार देने का काम शुरू कर देते हैं। फिर चाहे किसी बड़े नेता को छोटे इलाके में बुलाकर बैठकें ही क्यों न करनी पड़ें।
भाजपा ने अपने थिंक टैंक के सात नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है
भाजपा ने अपने थिंक टैंक के सात नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। ये रोजाना प्लानिंग करते हैं। रात में फीडबैक तैयार कर दिल्ली रिपोर्ट भेजते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो रणनीति की जिम्मेदारी संगठन मंत्री फणींद्रनाथ शर्मा खुद हरियाणा में रहकर संभाल रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब की राय से शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम तय करते हैं।
कांग्रेस में भी ले रहे फीडबैक
वहीं, कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की टीम हरियाणा विधानसभा चुनाव पर नजर रखे हुए है। इसकी जिम्मेदारी एआईसीसी के संयुक्त सचिव नवीन शर्मा को दी गई है। यह टीम प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से फीडबैक लेती है और शीर्ष नेतृत्व की रैलियों के लिए स्थान और समय तय करती है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन पर्यवेक्षक के तौर पर फीडबैक ले रहे हैं कि कितनी सीटों पर क्या स्थिति है?
राज्य में 5 अक्टूबर को होने हैं चुनाव
बता दें कि राज्य में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। बीजेपी जहां तीसरी बार सत्ता में आने का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि इस बार वह हरियाणा में सत्ता में जरूर लौटेगी।