Haryana: ऐलनाबाद सीट पर जाट समाज और शहरी वोटर की भूमिका, इनेलो के लिए चुनौती

हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट सुर्खियों में है, क्योंकि यहां से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। वे लगातार दो बार से इस सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं।
 
Haryana: ऐलनाबाद सीट पर जाट समाज और शहरी वोटर की भूमिका, इनेलो के लिए चुनौती

Haryana: हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट सुर्खियों में है, क्योंकि यहां से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। वे लगातार दो बार से इस सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं।

इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल, भाजपा ने अमीर चंद, आम आदमी पार्टी (आप) ने मनीष अरोड़ा और जेजेपी-एएसपी ने अंजनी लड्ढा को मैदान में उतारा है। इस विधानसभा सीट पर करीब 1.95 लाख मतदाता हैं। इनेलो वर्ष 2000 से इस सीट पर जीतती आ रही है। 24 साल से इनेलो के गढ़ को कोई दूसरी पार्टी नहीं तोड़ पाई है।

इस चुनाव में जनता का रुझान किस तरफ है, यह जानने के लिए दैनिक भास्कर मैदान में पहुंचा। लोगों से ऑन कैमरा और ऑफ कैमरा दोनों ही तरह से बात की गई। लोगों का कहना है कि इस बार अभय सिंह चौटाला के पक्ष में एकतरफा माहौल नहीं है। वे मजबूत हैं, लेकिन कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल उन्हें कड़ी टक्कर देंगे। शहर में इनेलो मजबूत दिख रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस मजबूत है।

भाजपा प्रत्याशी अमीर चंद का नाम ज्यादातर लोगों की जुबान पर नहीं है। कुछ तो यहां तक ​​कह रहे हैं कि भाजपा ने इस बार यहां कमजोर प्रत्याशी उतारा है। वह मुकाबले में नहीं है। इसका फायदा इनेलो को मिलेगा।

ऐलनाबाद विधानसभा सीट का समीकरण 5 प्वाइंट में समझें

इस विधानसभा सीट पर ओबीसी करीब 18 फीसदी, अनुसूचित जाति करीब 21 फीसदी, जाट सिख 7 फीसदी, ब्राह्मण 3 फीसदी, पंजाबी 3 फीसदी, वैश्य 3 फीसदी हैं। यहां जाट समुदाय और शहरी मतदाता ही प्रत्याशी की जीत-हार तय करते हैं।

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अभय चौटाला अपने पुराने अंदाज में चुनाव लड़ रहे हैं। हमेशा की तरह अभय यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि यहां जनता उनका चुनाव लड़ती है। यह दिख भी रहा है। अभय प्रदेश की बाकी सीटों पर प्रचार कर रहे हैं। ऐलनाबाद में तो कार्यकर्ता ही पूरा चुनाव संभाल रहे हैं।

कांग्रेस के लिए इस सीट पर 28 साल का सूखा है। भरत सिंह बेनीवाल के भतीजे पवन बेनीवाल इस चुनाव में इनेलो के साथ हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और 45 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। इसके अलावा गोबिंद कांडा भी अभय चौटाला के समर्थन में हैं।

2021 में हुए उपचुनाव में गोबिंद कांडा भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। इस समय ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस ज्यादा मजबूत नजर आ रही है, जबकि शहर में स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है।

यहां नगर पालिका के चेयरमैन राम सिंह सोलंकी हैं। सोलंकी के काम से जमीनी स्तर पर लोग ज्यादा खुश नहीं हैं। इससे भरत सिंह बेनीवाल को नुकसान हो सकता है। भाजपा प्रत्याशी अमीर चंद और जजपा प्रत्याशी अंजनी लड्ढा को लेकर जमीनी स्तर पर ज्यादा चर्चा नहीं है। अगर भाजपा का वोट इनेलो की तरफ शिफ्ट होता है तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा।

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