हरियाणा की ऐलनाबाद सीटः इनेलो के दांव का उल्टा पड़ने का खतरा, मीनू की टिकट कटी, भरत सिंह की एंट्री हूई तो बढ़ सकती है चुनौती

हरियाणा की ऐलनाबाद सीट हमेशा से हॉट सीट रही है। इस सीट पर चौटाला परिवार का दबदबा रहा है। इनेलो के गढ़ ऐलनाबाद सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सिरसा से गोबिंद कांडा ने कड़ी टक्कर दी थी। इस बार विधानसभा चुनाव में इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला चुनावी मैदान में उतरे हैं, जबकि भाजपा की ओर से यहां अमीरचंद मेहता को उम्मीदवार बनाया गया है।
 
हरियाणा की ऐलनाबाद सीटः इनेलो के दांव का उल्टा पड़ने का खतरा, मीनू की टिकट कटी, भरत सिंह की एंट्री हूई तो बढ़ सकती है चुनौती

Haryana: हरियाणा की ऐलनाबाद सीट हमेशा से हॉट सीट रही है। इस सीट पर चौटाला परिवार का दबदबा रहा है। इनेलो के गढ़ ऐलनाबाद सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सिरसा से गोबिंद कांडा ने कड़ी टक्कर दी थी। इस बार विधानसभा चुनाव में इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला चुनावी मैदान में उतरे हैं, जबकि भाजपा की ओर से यहां अमीरचंद मेहता को उम्मीदवार बनाया गया है।

कांग्रेस की ओर से अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल का टिकट पक्का हो गया है। उपचुनाव में अभय चौटाला ने जीत दर्ज की थी अभय सिंह चौटाला ने किसान आंदोलन के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।

फिर इस सीट पर उपचुनाव हुआ। 2021 के उपचुनाव में अभय चौटाला को 65,992 वोट मिले। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कुमार गोयल को हराया, जिन्हें 59,253 वोट मिले थे। इस उपचुनाव में कांग्रेस के पवन कुमार 20,904 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

2019 में भी अभय चौटाला ने जीत दर्ज की थी

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2019 के चुनाव में भी इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (इनेलो) के अभय सिंह चौटाला ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्हें 57,055 वोट मिले थे। चौटाला ने भाजपा के पवन बेनीवाल को हराया था। बेनीवाल को 45,133 वोट मिले थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी अभय चौटाला ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। तब उन्हें 69,162 वोट मिले थे।

मीनू बेनीवाल

मीनू बेनीवाल एक समाजसेवी और व्यवसायी हैं। मीनू बेनीवाल अक्सर काली गाड़ियों और ब्लैक कमांडो के काफिले के बीच रहने की वजह से चर्चा में रहती हैं। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के अलावा वे सिरसा, हिसार और राजस्थान में समाजसेवी के तौर पर मशहूर हैं। नेत्र शिविर, पुस्तकालय निर्माण, जिम, हेलमेट वितरण, गौशालाओं में दान और धार्मिक संस्थाओं में दान के लिए उनका नाम क्षेत्र में अग्रणी है। मीनू बेनीवाल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुई थीं। इस बार वे टिकट की प्रबल दावेदार थीं।

भाजपा कमजोर, कांग्रेस मजबूत होगी

इस बार भाजपा ने ऐलनाबाद विधानसभा सीट से कमजोर प्रत्याशी उतारा है। यहां भाजपा के पास मजबूत प्रत्याशी मीनू बेनीवाल थीं, लेकिन भाजपा ने मीनू बेनीवाल का टिकट काट दिया है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार अभय सिंह चौटाला का यह दांव उन पर ही भारी पड़ सकता है। अगर कांग्रेस यहां मजबूती से चुनाव लड़ती है, तो नतीजे कुछ भी हो सकते हैं।

 भरत सिंह बेनीवाल

भरत सिंह बेनीवाल कांग्रेस की ओर से सबसे मजबूत और संभावित दावेदारों में से एक हैं। भरत सिंह बेनीवाल मूल रूप से दड़बा गांव के निवासी हैं और हुड्डा सरकार के दौरान विधायक रह चुके हैं। भरत सिंह बेनीवाल अपने सरल और विनोदी स्वभाव के लिए काफी मशहूर हैं। भरत सिंह बेनीवाल की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। जब भी भरत सिंह का टिकट कटा है, ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की हालत खराब रही है।

कमजोर भाजपा अभय के गले की फांस बनेगी

राजनीतिक विशेषज्ञ नवीन रमन के अनुसार ऐलनाबाद विधानसभा के समीकरण बहुत सरल हैं। यहां 40 प्रतिशत वोट अभय चौटाला के साथ हैं और 60 प्रतिशत उनके खिलाफ हैं। जब इस 60 प्रतिशत को दो भागों में बांटा जाता है तो अभय चौटाला की जीत बड़ी होती है। उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल की जमानत जब्त हो गई थी, तो भाजपा के गोविंद कांडा ने अभय की जीत को 6 हजार तक पहुंचा दिया था।

अब भाजपा के अमीरचंद मेहता ऐसे प्रत्याशी हैं जो कमजोर प्रत्याशी हैं और अगर कांग्रेस से भरत सिंह बेनीवाल मैदान में उतरते हैं तो अभय चौटाला के लिए चुनाव बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला है।

क्या है चुनावी समीकरण?

ऐलनाबाद विधानसभा में करीब 2 लाख मतदाता हैं। जिसमें 1 लाख 60 हजार तक मतदान होता है। यहां इनेलो के पास मतदाताओं से ज्यादा विरोधी हैं। इनेलो को यहां 60 हजार से 65 हजार वोट मिलते हैं, लेकिन अगर भाजपा 20 हजार से नीचे रहती है तो यह अभय सिंह चौटाला के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

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