हरियाणा में लोकसभा चुनाव ने बिगाड़े सैनी सरकार के समीकरण, अब विधानसभा की राह होगी कठिन
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के पांच-पांच सीटें जीतने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए हरियाणा की बाजी जीतना काफी मुश्किल हो सकता है। हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है।
भाजपा को 2019 के मुकाबले इस बार काफी कम वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस के वोट बैंक में काफी इजाफा हुआ है। वर्ष 2019 में जहां भाजपा को 58.2 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार पार्टी का वोट घटकर 46.11 प्रतिशत रह गया है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 28.5 प्रतिशत वोट मिले थे,
इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 43.67 प्रतिशत हो गया। साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 4.9 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार यह घटकर 0.87 प्रतिशत यानी एक प्रतिशत से भी कम रह गए। वहीं, इनेलो को जनता ने फिर नकार दिया है। किसान आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित सीट पर भी इनेलो को ज्यादा समर्थन नहीं मिला है। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अभय चौटाला एक लाख वोट भी नहीं पा सके। पिछले चुनाव में इनेलो को 1.9 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में उसे 1.74 फीसदी वोट मिले हैं।
कांग्रेस से कौन जीता?
1. अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरुण चौधरी 49036 वोटों से जीते
2. सिरसा से कांग्रेस की कुमारी शैलजा 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से जीती
3. हिसार से कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 63 हजार 381 वोटों से जीते
4. सोनीपत से कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी 21 हजार 816 वोटों से जीते
5. रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा तीन लाख 45 हजार 298 वोटों से जीते।
बीजेपी से कौन जीता?
1.. कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल 29021 वोटों से जीते
2.. करनाल से मनोहर लाल 2 लाख 32 हजार 577 वोटों से जीते
3.. भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह 41 हजार 510 वोटों से जीते
4.. गुड़गांव से राव इंद्रजीत 75079 वोटों से जीते
5.. फरीदाबाद से कृष्ण पाल गुर्जर 1 लाख 72 हजार 914 वोटों से जीते।