New journey:सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस का नया सफर

सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद चीफ जस्टिस के लिए कई रास्ते खुले होते हैं। वे अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं:
 
     New journey:सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस का नया सफर

सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद चीफ जस्टिस के लिए कई रास्ते खुले होते हैं। वे अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं:

- न्यायिक सेवाएं: कई चीफ जस्टिस रिटायरमेंट के बाद भी न्यायिक सेवाओं में सक्रिय रहते हैं, जैसे कि आर्बिट्रेशन या मेडिएशन में शामिल होना 


- शिक्षा और प्रशिक्षण: वे विश्वविद्यालयों या न्यायिक अकादमियों में प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को न्यायिक ज्ञान प्रदान कर सकते हैं।


- लेखन और शोध: कई चीफ जस्टिस रिटायरमेंट के बाद लेखन और शोध में सक्रिय होते हैं, जिसमें वे अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करते हैं।


- सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियां: कुछ चीफ जस्टिस रिटायरमेंट के बाद सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, जैसे कि मानवाधिकार आयोग या अन्य संगठनों में कार्य करना।


- व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन: रिटायरमेंट के बाद, चीफ जस्टिस अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं।

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यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर चीफ जस्टिस की पसंद और रुचियां अलग-अलग होती हैं, इसलिए उनके रिटायरमेंट के बाद के रोल में भी भिन्नता हो सकती है 

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