Rajya Sabha Election: सीएम सुक्खू के पास क्या है विकल्प? क्या हिमाचल में भी गिरेगी महाराष्ट्र की तरह सरकार!!!

 
Rajya Sabha Election: सीएम सुक्खू के पास क्या है विकल्प? क्या  हिमाचल में भी गिरेगी महाराष्ट्र की तरह सरकार!!!
Rajya Sabha Election:   हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को मतदान कराए गए। इस दौरान सत्ताधारी कांग्रेस के कम से कम छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले। इसके बाद फैसला पर्ची से हुआ। इसमें हर्ष महाजन जीत गए। Rajya Sabha Election: सीएम सुक्खू के पास क्या है विकल्प? क्या  हिमाचल में भी गिरेगी महाराष्ट्र की तरह सरकार!!! Rajya Sabha Election   Rajya Sabha Election: तीन राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान कराए गए जिसमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल हैं। प्रदेश की एक सीट के लिए दो उम्मीदवार थे। इसके कारण यहां मतदान कराना पड़ा। कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया तो भाजपा ने हर्ष महाजन को टिकट दिया। नामांकन के साथ ही राज्य में क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं जाहिर की जाने लगी थीं जो सच हुईं। Also Read: Haryana Van Mitra Portal: हरियाणा में निकली वन मित्र के 7500 पदों पर भर्ती, जानें आवेदन प्रक्रिया व अन्य जानकारी Rajya Sabha Election:इस दौरान सत्ताधारी कांग्रेस के कम से कम कम छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले। इसके बाद फैसला पर्ची से हुआ। इसमें हर्ष महाजन जीत गए। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे के मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पमत में है। ऐसे में अब राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है। जून 2022 में महाराष्ट्र में भी ऐसे ही कुछ स्थितियां उत्पन्न हुई थीं जब एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार गिर गई थी। Rajya Sabha Election:आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश में कितनी सीट के लिए मतदान हुए और क्यों? वोट का गणित क्या था? क्रॉस वोटिंग कैसे हुई? तो क्या सरकार को भी खतरा है? Also Read: Mustard production India: सरसों की फसल में एमएसपी के कारण किसानों के हाथ लगी निराशा, जानें कैसे
Rajya Sabha Election:हिमाचल प्रदेश में कितनी सीट के लिए मतदान हुए और क्यों? Rajya Sabha Election:दरअसल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। नड्डा इस बार गुजरात से निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। हिमाचल में इस वक्त कांग्रेस सत्ता में है। कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया। सिंघवी के सामने भाजपा ने हर्ष महाजन को उतारा। हर्ष कांग्रेस से ही भाजपा में आए हैं। 68 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। भाजपा के 25 विधायक हैं। वहीं, तीन निर्दलीय विधायकों का भी सरकार को समर्थन दे रखा है। Rajya Sabha Election:राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार की जीत के लिए 35 वोट की जरूरत थी। संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस के लिए यह लड़ाई बहुत आसान दिख रही थी। इसके बाद भी भाजपा ने यहां पास पलट दिया। मतदान के नतीजे आए तो दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले हैं। यानी कांग्रेस और निर्दलीय समेत कुल नौ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। Rajya Sabha Election:क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों का क्या होगा? क्रॉस वोटिंग के दावे को लेकर राज्य में सियासी उठापटक शुरू हो चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के अल्पमत में होने का दावा करने वाली भाजपा क्या सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। दूसरी ओर नजर कांग्रेस पर भी होगी जिसने कहा है कि राज्यसभा चुनाव से पहले उसने व्हिप जारी किया था। Rajya Sabha Election:हिमाचल सरकार का सियासी भविष्य क्या है? इस पर हमने लोकसभा के पूर्व महासचिव पीटीडी अचारी से बात की। अचारी ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव के लिए कोई व्हिप नहीं होती है। व्हिप से कोई फायदा नहीं होता। कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा के लिए मतदान किया है तो यह मुसीबत है। यदि कांग्रेस के विधायक भाजपा की तरफ चले गए और उसके लिए मतदान किया है तो कांग्रेस का बहुमत कम हो रहा है। यदि ये विधायक भाजपा में शामिल होते हैं तो अयोग्य हो जाएंगे। ऐसे में अभी तो स्थिति अस्थिर है।'   Rajya Sabha Election: कया क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक अयोग्य हो सकते हैं? अचारी ने कहा, 'यदि नमूने के तौर पर दो-तीन विधायकों को अयोग्य करते हैं तो उसके लिए आधार अलग होता है। जैसे कि विधायक ने अपनी इच्छा से पार्टी छोड़ दी है। इस आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। दूसरी स्थिति में यदि सभी विधायकों के खिलाफ याचिका दाखिल करें तो ऐसा होगा कि कांग्रेस खुद कह रही है कि उसका बहुमत नहीं है। ऐसा कोई भी दल नहीं करेगा। लेकिन अभी मुसीबत है। उप-चुनाव बाद की बात है।' Rajya Sabha Election:तो क्या हिमाचल में सरकार गिर सकती है? 2022 में हुए एमएलसी चुनाव के दौरान कुछ इसी तरह की स्थिति महाराष्ट्र में बनी थी। दरअसल, जून 2022 में महाराष्ट्र में एमएलसी की 10 सीटों पर चुनाव हुए। इसके लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) यानी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन ने छह उम्मीदवार उतारे थे तो भाजपा ने पांच। खास बात ये है कि शिवसेना गठबंधन के पास सभी छह उम्मीदवारों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल था, लेकिन वह एक सीट हार गई। इन पांच में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली और एनसीपी-शिवसेना के खाते में दो-दो सीटें आईं। Rajya Sabha Election:वहीं, भाजपा के पास केवल चार सीटें जीतने भर की संख्या बल थी, लेकिन पांचवीं सीट भी निकालने में पार्टी सफल रही। एमएलसी चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई है। इसके बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कई विधायक पहले गुजरात फिर असम चले गए। कई दिन चले सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए। अब यह देखना होगा कि हिमाचल के बागी विधायक क्या करते हैं।  

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