चुनाव नतीजों का N फैक्टर... नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल नायडू-नीतीश पर करेगा निर्भर!

देश के सबसे बड़े चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 295 सीटों के साथ तीसरी बार सरकार बनाता दिख रहा है। 2014 और 2019 के चुनाव नतीजों से उलट इस बार बीजेपी बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से पीछे नजर आ रही है। एन फैक्टर से शुरू हुए इन चुनावों के नतीजों ने एन फैक्टर भी दिया है।
 
चुनाव नतीजों का N फैक्टर... नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल नायडू-नीतीश पर करेगा निर्भर!

देश के सबसे बड़े चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 295 सीटों के साथ तीसरी बार सरकार बनाता दिख रहा है। 2014 और 2019 के चुनाव नतीजों से उलट इस बार बीजेपी बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से पीछे नजर आ रही है। एन फैक्टर से शुरू हुए इन चुनावों के नतीजों ने एन फैक्टर भी दिया है।

कैसे जुड़ा यह चुनाव एन फैक्टर से

इस चुनाव से शुरू से ही एन फैक्टर जुड़ा हुआ था। आजादी के बाद से पंडित जवाहरलाल नेहरू को छोड़कर कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल नहीं रहा है। पीएम मोदी के पास इन चुनावों में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर पंडित नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका था।

जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए तो इन नतीजों ने एन फैक्टर भी दिया- नमो, नीतीश और नायडू। नमो यानी नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरी एनडीए को सरकार बनाने का जनादेश मिलता दिख रहा है। ताजा रुझानों में एनडीए को 296 सीटें मिलती दिख रही हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार तीसरी बार बहुमत के साथ मोदी सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पा रही है।

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अब एक एन यानी नेहरू की बराबरी करने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पीएम मोदी को दो अन्य एन- नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के रुख पर निर्भर रहना होगा। नीतीश और नायडू के रुख से ही सरकार तय होगी। नीतीश के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) को 14 सीटें और नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 16 सीटें मिलती दिख रही हैं। ये दोनों पार्टियां भी एनडीए में हैं।

एन फैक्टर को हटा दें तो एनडीए बहुमत से दूर रह जाएगी

अब अगर एनडीए को मिल रही 295 सीटों में से इन दोनों पार्टियों को मिल रही 30 सीटें घटा दें तो सत्तारूढ़ गठबंधन की सीटें 265 रह जाती हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आंकड़े से सात कम हैं। नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी नीतीश कुमार और नायडू के रुख पर निर्भर करेगी। मौके की नजाकत को भांपते हुए विपक्षी दल भारत ब्लॉक भी सक्रिय मोड में आ गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन भी सक्रिय हो गया है। एनडीए ने 5 जून को गठबंधन के सभी घटक दलों की बैठक बुलाई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से बात की है।

इस बीच बिहार बीजेपी अध्यक्ष और उनकी ही सरकार में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलने सीएम हाउस पहुंचे। हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि सम्राट चौधरी नीतीश कुमार से नहीं मिल पाए। नीतीश ने एक दिन पहले ही दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। अब सम्राट चौधरी से मुलाकात न हो पाने के कारण उनके रुख को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अब आरजेडी ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने कहा है कि वह बदले की राजनीति के पक्ष में नहीं हैं। राजनीतिक गलियारों में नीतीश कुमार के कोई बड़ा फैसला लेने की अटकलें भी तैरने लगी हैं।

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