हरियाणा में इन भाजपा नेताओं को चुनाव हारने का डरः CM लाडवा, Deputy Speaker और पूर्व वित्त मंत्री बरवाला पर अड़े
Haryana: हरियाणा में भाजपा जल्द ही टिकटों की घोषणा कर सकती है। टिकट घोषणा से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और राजनीति के पुराने खिलाड़ी भाजपा पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जाए। इन दावेदारों में खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, परिवहन मंत्री असीम गोयल, पूर्व सांसद अरविंद शर्मा, भाजपा समर्थित जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम शामिल हैं।
इन सभी नेताओं को अपनी सीट से हारने का डर सता रहा है। इसी वजह से ये लोग सुरक्षित सीट की तलाश में हैं। वहीं, भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री नायब सैनी की सीट बदलने का फैसला किया है। भाजपा इस बात को लेकर भी असमंजस में है कि सीट बदलने से स्थानीय नेता और लोग विरोध कर सकते हैं और दांव उल्टा पड़ सकता है। लेकिन ये नेता भाजपा हाईकमान से सिफारिश कर सीट बदलने की गुहार लगा रहे हैं।
इस वजह से भाजपा के टिकट वितरण में भी देरी हो रही है। कौन कहां से मांग रहा टिकट? मुख्यमंत्री नायब सैनी: मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल से उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने हैं। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सीट थी। खट्टर के बाद नायब सैनी ने इस सीट से उपचुनाव लड़ा और 41 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। अब सैनी इस सीट की बजाय लाडवा विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं।
कैप्टन अभिमन्यु: 2014 में नारनौंद से विधानसभा चुनाव जीते और खट्टर सरकार में वित्त मंत्री बने। 2019 में चुनाव हार गए। इसके बाद अब बरवाला विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। बरवाला में लोकसभा चुनाव में भाजपा आगे थी। लेकिन बरवाला में दावेदारी का विरोध शुरू हो गया है।
रणबीर गंगवा: हिसार की नलवा विधानसभा से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर हैं। बरवाला विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। नलवा से भाजपा लोकसभा में पिछड़ गई थी। कुलदीप बिश्नोई अपने मित्र रणधीर पनिहार के लिए यहां से टिकट मांग रहे हैं। इसलिए वे बरवाला जा रहे हैं। लेकिन बरवाला में उन्हें पहले से ही स्थानीय नेताओं का विरोध है।
असीम गोयल: असीम गोयल हरियाणा सरकार में परिवहन मंत्री हैं। अंबाला शहर से विधायक बने और अब विनोद शर्मा के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच सुरक्षित सीट के तौर पर पंचकूला की मांग कर रहे हैं। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता यहां से विधायक हैं। अंबाला से टिकट कटना तय माना जा रहा है। इसलिए पंचकूला से दावेदारी कर रहे हैं।
अरविंद शर्मा : 2014 में रोहतक लोकसभा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हराकर चर्चा में आए। यहां की जनता से जुड़ नहीं पाए। 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए। इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। ब्राह्मण कोटे से टिकट मांग रहे हैं और ब्राह्मण बाहुल्य सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
रामकुमार गौतम : दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से हिसार की नारनौंद विधानसभा से विधायक हैं। 2019 में प्रदेश के वित्त मंत्री को हराकर चर्चा में आए। दुष्यंत चौटाला से रिश्ते खराब हो गए और अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं और नारनौंद की जगह सफीदों से चुनाव लड़ना चाहते हैं। सफीदों में ब्राह्मण मतदाताओं की अच्छी संख्या है।