Kisan Samman Nidhi: पीएम किसान सम्‍मान निधि योजना से नकली किसानों को बाहर करेगी मोदी सरकार, उठाने जा रही ये बड़ा कदम

 
Kisan Samman Nidhi

Aapni News,नई दिल्‍ली. केंद्र की मोदी सरकार देश के किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि नाम की योजना का संचालन करती है। जिसकी शुरुवात वर्ष 2019 में हुई थी। इसकी 18 किस्तें किसानों को दी जा चुकी है। पीएम किसान योजना की 19 वीं किस्त अगले महीने तक किसानों के खाते में आने के आसार है। आपको बता दे कि देश के सभी किसान साथियों को योजना का लाभ नहीं मिलता है। फिर भी कई किसान जो योजना के लिए पात्र नहीं है। वो अपनी पहचान को छिपा कर इस योजना का लाभ चोरी छुपे ले रहे है। अब वो अधिक दिन ऐसा नहीं कर पायेंगे। क्योंकि मोदी सरकार डिजिटल कृषि मिशन के तहत अब देश भर के किसानों की डिजिटल पहचान बनाने को किसान पहचान-पत्र (Farmer ID Card) अब  बना रही है। जो सीधा किसान के आधार कार्ड से लिंक होगा। जिससे इस योजना या किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहे अपात्र किसान पकड़े जाएंगे।       

देश का कृषि मंत्रालय किसान आईडी से “किसान रजिस्ट्री” बनाएगा, जो केंद्र सरकार के डिजिटल कृषि मिशन के तहत एग्री स्टैक का हिस्सा होगी. जानकारी के लिए बता दे कि किसान पहचान पत्र एक आधार-लिंक्ड डिजिटल आईडी है, जिसे किसानों के भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जा रहा है. इसमें किसान का व्यक्तिगत विवरण, बोई गई फसलों और भूमि स्वामित्व की हर तरह की जानकारी दर्ज होगी. इस कार्ड के ज़रिए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल भी बेच पाएंगे, बैंक से लोन और फसल बीमा जैसी सुविधाएं भी किसान आसानी हासिल कर सकेंगे.

देश के ये किसान नहीं हैं पीएम किसान निधि का लाभ लेने के पात्र

बता दे कि देश के सभी किसान पीएम किसान योजना का लाभ नहीं ले सकते. ऐसा व्‍यक्ति जिसके पास खेती योग्‍य जमीन है है और वो संविधानिक पद पर है या रह चुका है, जैसे सांसद, विधायक, या नगर निगम के मेयर आदि, वो केंद्र की इस पीएम किसान योजना का लाभ नहीं ले सकता. केंद्र और राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त संस्थाओं के कर्मचारी, ऐसे किसान जिनकी मासिक पेंशन ₹10,000 या इससे ज्यादा है, डॉक्‍टर, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवर लोग और आयकरदाता को पीएम किसान योजना का पात्र सरकार द्वारा नहीं माना गया है.

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केंद्र सरकार को वापिस देने पड़ेंगे रुपये

यदि किसी किसान ने धोखाधड़ी से इस योजना का लाभ उठाया है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी सरकार द्वारा दर्ज किया जा सकता है. इस स्थिति में, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है. सरकार ऐसे मामलों में गलत तरीके से प्राप्त की गई राशि की वापसी की मांग भी कर सकती है. यदि कोई व्यक्ति पति-पत्नी दोनों के नाम पर किस्तें ले रहा है, तो उसे एक या दोनों को वापस सरकार को लौटाना पड़ सकता है.

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