Pension News Update: सैनी सरकार देगी इन लोगों को 3000 रुपए पेंशन, जानें योजना की पात्रता समेत पूरी जानकारी

 
Haryana, Haryana Government, Nayab Saini, Thalassemia and Hemophilia Patients Pension"

Pension News Update: हरियाणा सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है। सरकार ने इन मरीजों को हर महीने ₹3,000 की पेंशन देने की घोषणा की है। यह योजना विशेष रूप से उन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए राहत प्रदान करेगी, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख तक है।  

पात्रता के मापदंड  

- आय सीमा: केवल वे मरीज इस पेंशन का लाभ ले सकेंगे, जिनके परिवार की सालाना आय ₹3 लाख या उससे कम है।  
- आयु सीमा: 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को विकलांग पेंशन के तहत यह लाभ मिलेगा।  
- स्थायी निवास: मरीज को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और राज्य में कम से कम तीन साल से निवासरत होना चाहिए।  

पेंशन योजना के आंकड़े  

- हरियाणा में थैलेसीमिया के करीब 1300 मरीज और हीमोफीलिया के 783 मरीज हैं।  
- कुल मिलाकर, 2083 रोगियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।  
- सरकार इस योजना पर हर साल ₹7.5 करोड़ का खर्च करेगी।  

योजना को अमल में लाने के लिए कदम  

हरियाणा सरकार ने “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन करते हुए इस योजना को लागू किया है। इस पेंशन का उद्देश्य इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना है, ताकि वे इलाज और अन्य जरूरतों के लिए आर्थिक मदद पा सकें।  

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

थैलेसीमिया और हीमोफीलिया क्या हैं?  

- थैलेसीमिया: यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता। ऐसे मरीजों को नियमित रूप से रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।  
- हीमोफीलिया: यह एक रक्तस्राव विकार है, जिसमें खून का थक्का जमने में परेशानी होती है। इसे नियंत्रित करने के लिए विशेष दवाओं और इलाज की आवश्यकता होती है।  

सरकार का उद्देश्य  

यह योजना न केवल मरीजों के इलाज को आसान बनाएगी, बल्कि उनके परिवारों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मुख्यमंत्री की इस पहल को लेकर समाज में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। यह कदम बीमारियों से पीड़ित लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवनस्तर को सुधारने की दिशा में अहम साबित होगा।

Tags

Around the web