RBI Bank: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीसी) द्वारा की जा रही मनमानी पर आरबीआई की पैनी नजर है।

 
RBI Bank:    भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा की जा रही मनमानी पर कड़ी नजर रख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि छोटी राशि का कर्ज देने वाली एनबीएफसी ब्याज दरों पर नियामक द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग करती हैं और ऊंची ब्याज दरें वसूलती हैं। उन्होंने प्रत्यक्ष ऋण देने वाले प्लेटफार्मों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियाँ लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, और यह स्पष्ट किया कि इस तरह के उल्लंघन स्वीकार्य नहीं हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर एनबीएफसी ग्राहकों से काफी महंगा ब्याज वसूलती हैं। इसके चलते कई लोग कर्ज के जाल में फंस गए हैं। Also Read: PM Kisan Yojana: राजस्थान सरकार ने किसानों को किया मालामाल, PM Kisan का पैसा बढ़ाया और गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना की शुरू
RBI Bank:   बैंक लाइसेंस मांगना सही नहीं है
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए बैंक लाइसेंस मांगना अप्राकृतिक है। राव ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि एनबीएफसी को पहले से ही कुछ नियामक लाभ प्राप्त हैं। उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, राव ने एनबीएफसी को बैंकों में बदलने की मांग के बारे में भी बात की और कहा कि एनबीएफसी को कुछ लाभ मिलते हैं। राव ने कहा, एनबीएफसी विशिष्ट आर्थिक कार्य करने वाली विशेष कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं और उनके लिए बैंकों की तरह बनने की कोशिश करना अप्राकृतिक है। Also Read: Vastu Tips: पूजा में स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ है या अशुभ, जानें क्या कहता है वास्तु
RBI Bank:   बजाज फिनसर्व के चेयरमैन ने रखी ये मांग
दिलचस्प बात यह है कि यह टिप्पणी बजाज फिनसर्व के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के भाषण के ठीक बाद आई। बजाज ने अपने भाषण में कहा था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए बैंक लाइसेंस के बारे में क्यों नहीं सोचा जाए, खासकर उनके लिए जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है। इस पर राव ने कहा कि नियामक ने कुछ साल पहले यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे, लेकिन किसी भी इकाई को इसके लिए मंजूरी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिक संख्या में एनबीएफसी को जमा स्वीकार करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि एक भी नया लाइसेंस नहीं दिया गया है और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की संख्या 200 से घटकर केवल 26 रह गयी है.

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