Trending: फर्जी राशन कार्ड धारकों पर कलेक्टर की 1 बड़ी कार्रवाई, इनते फर्जी बीपीएल राशन कार्ड किए रद, तहसीलदार पर भी कार्रवाई के आदेश
Jan 10, 2024, 16:29 IST
Trending: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्डों की जांच कर उन्हें निरस्त कर दिया गया है. तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा ने फर्जी तरीके से 1750 राशन कार्ड बनाए और उन्हें जिला पंचायत के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित कराया, जिसके बाद मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने एसडीएम जोरा को जांच सौंपी। बताया जा रहा है कि जोरा में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. राशि का दुरुपयोग कर राशन कार्ड बनाये गये, Also Read: Business: अगले 10 वर्षों में संपत्ति की दरें कहां जाएंगी? इस रिपोर्ट अहम में खुलासा, इन शहरों में बढ़ेगी मांग Trending: जिसकी शिकायत ग्रामीणों एवं जन प्रतिनिधियों ने मुरैना कलेक्टर से की। कलेक्टर ने जब इसकी जांच कराई तो 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्ड पाए गए, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया. 60 से ज्यादा गांवों के लोगों के फर्जी राशन कार्ड बनाए जाने की शिकायत पर कलेक्टर ने एसडीएम से जांच कराई और सभी राशन कार्ड निरस्त कर दिए. जिसके बाद कलेक्टर ने तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा के खिलाफ जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये थे. Also Read: Haryana: 1हरियाणा सरकार इस बार पेश करेगी अपने कार्यकाल का आखिरी बजट, जानें क्या क्या होगा अहम Trending: इसके साथ ही कलेक्टर ने यह भी कहा कि अगर राशन कार्ड धारकों ने सरकारी योजना का लाभ लिया है तो उनसे भी वसूली की जाएगी. बताया जा रहा है कि राशन कार्ड बनाने के लिए पैसे का लेनदेन भी पटवारी के माध्यम से किया गया है और राशन कार्ड धारक ने सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाया है। एसडीएम प्रदीप तोमर ने अपने आदेश में तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा का नाम उल्लेख करते हुए लिखा है कि उक्त राशन कार्डों का कोई रिकार्ड तहसील एवं एसडीएम कार्यालय में नहीं है। Also Read: Identification mustard: सरसों में माहू कीट का नियंत्रण करें ऐसे, फलियां बननेगी पॉवर फूल Trending: तहसीलदार नरेश शर्मा ने पटवारी से आवेदन लेकर आवक-जावक शाखा से जिला पंचायत सीईओ को भेजा था। कई आवेदनों में तो पटवारी के हस्ताक्षर ही नरेश शर्मा द्वारा फर्जी बना दिये गये हैं। Trending: इसलिए इस पूरे घोटाले में तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा का नाम सामने आया है, इसलिए कलेक्टर ने जांच के आदेश देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.