Qatar court reduces death penalty: कतर में फांसी से बचे 8 पूर्व भारतीय नेवी अफसर, जानें क्या था मामला
Dec 29, 2023, 07:07 IST

Qatar court reduces death penalty: स्वदेश वापसी की मांग कर सकता है
बताया जा रहा है कि भारत अब आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों की स्वदेश वापसी की मांग कर सकता है। इसके लिए भारत और कतर के बीच 2014 में हस्ताक्षरित सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर संधि का हवाला दिया जा सकता है। यह संधि कतर में भारतीय कैदियों को भारत वापस भेजने का प्रावधान करती है जबकि भारत में कतरी कैदियों को वापस भेजा जाता है। Also Read: COVID-19 New Jn.1 Variant: कोरोना की ‘पिरोला’ फैमिली का वायरस JN.1… चार महीने में 41 देशों में फैलाया आंतक, भारत में कितना खतरा हालाँकि, 2004 से पहले, ऐसा कोई कानून नहीं था जो विदेशी कैदियों को उनकी शेष सजा के लिए घर भेजने की अनुमति देता हो।Qatar court reduces death penalty: दोनों देशों के बीच क्या है संधि
भारत और कतर ने 2 दिसंबर 2014 को एक संधि पर हस्ताक्षर किये। संधि के तहत, भारत और कतर दोनों अपने नागरिकों को उनकी बची हुई सजा काटने के लिए एक-दूसरे की जेलों में भेज सकेंगे। संभावना है कि यह पूर्व भारतीय नौसैनिकों के मामले में देखा जा सकता है।Qatar court reduces death penalty: भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व अधिकारी जेल मे बंद
भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व अधिकारी पिछले साल अगस्त से कतर की जेलों में हैं। क़तर ने अभी तक सभी पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ आरोपों का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, मामले से वाकिफ लोगों का कहना है कि इन सभी पर जासूसी का आरोप लगाया गया है।Qatar court reduces death penalty: भारत की यह संधि किन देशों के साथ है?
भारत सरकार पहले ही कई देशों के साथ ऐसी संधियों पर हस्ताक्षर कर चुकी है। इन देशों में यूके, मॉरीशस, बुल्गारिया, ब्राजील, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब ईरान, कुवैत, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, थाईलैंड, तुर्की, इटली, बोस्निया और हर्जेगोविना, इज़राइल, रूस शामिल हैं। वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया है. कनाडा, हांगकांग, नाइजीरिया और स्पेन के साथ संधि पर बातचीत भी पूरी हो चुकी है.