Farmers Protest: कैसे खत्म होगा किसान आंदोलन? राकेश टिकैत ने बता दी पूरी बात ;किसानों को कौन कर रहा बदनाम

 
Farmers Protest: कैसे खत्म होगा किसान आंदोलन? राकेश टिकैत ने बता दी पूरी बात ;किसानों को कौन कर रहा बदनाम
Farmers Protest: राकेश टिकैत ने कहा- किसान संगठनों में फूट से कमजोर पड़ा आंदोलन किसान नेता ने कहा कि हमें किसी भी राजनैतिक दल के नेता की जरूरत नहीं है टिकैत बोले- सरकार किसानों को महंगाई वृद्धि का जिम्मेदार ठहराना चाहती है Farmers Protest: कैसे खत्म होगा किसान आंदोलन? राकेश टिकैत ने बता दी पूरी बात ;किसानों को कौन कर रहा बदनाम Farmers Protest: Farmers Protest: देश में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने, किसानों का कर्ज माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर किसान फिर से सड़क पर हैं। दूसरी किसान सोमवार को ट्रैक्टर को लेकर हाईवे पर भी उतरे। इस पूरे मामले में भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों को किसी नेता की जरूरत नहीं है। टिकैत का इशारा परोक्ष रूप से राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी की तरफ था। टिकैत ने कहा कि हमें तो उन लोगों की जरूरत है जो हमारे आंदोलन में हमारा साथ दे सकें। राकेश टिकैत ने साफतौर पर माना कि किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा में फूट पड़ी हुई है जिसके कारण सरकार के साथ मजबूती से बात नहीं हो पा रही। Also Read: nishu deshwal news: हरियाणा के स्टंटमैन YouTuber नीशू की दर्दनाक मौत, ट्रैक्टर पर स्टंट दिखाते वक्त बीच में फंसने से गई जान Farmers Protest:क्या किसान आंदोलन कमजोर हुआ है? संयुक्त किसान मोर्चा(एसकेएम) में आई दरारों से राकेश टिकैत काफी आहत दिखाई दिए। टिकैत ने मोर्चे में किसानों के बने अलग–अलग धड़ों को मुख्य जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मोर्चे में आई टूट ही आंदोलन को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के अलग–अलग धड़े बन जाने से पहले जैसी मजबूत स्थिति नहीं रह गई। इससे किसान आंदोलन कमजोर हुआ है। यही वजह है किसानों के मुद्दे पुख्ता तरीके से सरकार के सामने नहीं रखे जा रहे। खासतौर से पंजाब के किसान ही क्यों आंदोलन में दिख रहे हैं? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि किसान तो बिहार, उड़ीसा, केरल और अन्य जगह भी हैं लेकिन सभी जगह के किसान एकजुट हैं ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादा गड़बड़ पंजाब के किसानों में हुई है। टिकैत ने कहा कि पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा में फूट पड़ने से अलग–अलग धड़े बन गए और आंदोलन को क्षति हुई है। टिकैत ने माना कि मामला तो बातचीत से ही सुलझेगा।   Farmers Protest: कैसे खत्म होगा किसान आंदोलन? राकेश टिकैत ने बता दी पूरी बात ;किसानों को कौन कर रहा बदनाम Farmers Protest: Also Read: Wheat Production: तापमान बढ़ने से गेहूं के उत्पादन में कमी आने के बढ़े संकेत, अच्छी पैदावार के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय

Farmers Protest:'किसानों को बदनाम कर रही सरकार'

केंद्र की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को बदनाम कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार मामला सुलझने नहीं देगी। देश के लोगों की सहानुभूति बटोरने और अपनी असफलताओं को छिपाने के प्रयास में वह किसानों को बदनाम करेगी कि किसानों की वजह से महंगाई बढ़ रहे हैं। आरएलडी के जयंत चौधरी का जिक्र आते ही टिकैत ने पहले तो बड़ी सफाई से उसे टालने का प्रयास किया। हालांकि, बार–बार यह पूछे जाने पर कि लोगों का मानना है कि जयंत चौधरी के एनडीए की तरफ चले जाने से पश्चिमी उत्तरप्रदेश में किसानों या जाटों का रुख बदला है। इससे क्या उनकी पूछ कम हो गई है या उनकी जमीन भी खिसक गई है। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह आंदोलन न तो जाटों का है न ही पश्चिमी उत्तरप्रदेश का है। यह पूरे देश का है। टिकैत ने कहा कि किसान सिर्फ पश्चिमी उत्तरप्रदेश में ही नहीं रहते बाकी देश में भी रहते हैं। हमारे साथ सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग रहते हैं। इसमें सत्तारूढ़ दल के लोग भी शामिल होते हैं। वोट चाहे वे किसी को भी दें। आंदोलन में हमारा साथ दें। हमें जनता की जरूरत है, किसी नेता की जरूरत नहीं है। उनके लिए न हमारे पास मंच है, न माइक है। टिकैत ने साफ कहा कि हमें तो वे लोग चाहिएं जो ट्रैक्टर पर बैठकर आंदोलन में शामिल हो सकें। उनके बातचीत करने के अंदाज से भले ही वह ऐसा दर्शा रहे थे कि उन्हें जयंत चौधरी के एनडीए की तरफ खिसक जाने से कतई फर्क नहीं पड़ता लेकिन उनकी आवाज़ के अंदाज से लग रहा था कि उन्हें यह अच्छा नहीं लगा।  

Farmers Protest:राजनीति में आने का इरादा नहीं

राजनीतिक महत्वाकांक्षा के सवाल पर टिकैत का स्पष्ट कहना था कि अब राजनीति में आने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं अपने हाथ पहले ही आजमा चुका हूं, अब तो उधर कदम भी नही रखूंगा। इस बार के आंदोलन में आप पीछे दिखने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि संयुक्त मोर्चे के एक धड़े ने इस आंदोलन की कॉल दी है हम बाकी लोग उनको बाहर से समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 14 मार्च का हमारा दिल्ली आंदोलन का कार्यक्रम है। दिल्ली पर चढ़ाई करने से ही मामला के हल और लोगों की परेशानी के सवाल पर उन्होंने माना कि बेशक लोग परेशान तो होते ही हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर किया ही क्यों जाए। पतंगों से ड्रोन को गिराना और बेरिकेडिंग को तोड़ने की मशीनें बनाने की बात से उन्होंने सिरे से इंकार करते हुए कहा कि किसान तो बॉर्डर से एक किलोमीटर दूर बैठे हुए थे। टिकैत ने कहा कि जानबूझकर किसानों छेड़खानी की गई। अगर ड्रोन की नई टेक्नोलॉजी आ गई है तो क्या उसका इस्तेमाल उनको प्रताड़ित करने के लिए किया जाएगा।  

Farmers Protest: नए कृषि मंत्री से हल होगी समस्या?

यह पूछे जाने पर कि नए कृषि मंत्री से मामले को हल करने की आपको कितनी उम्मीदें हैं। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें तो सबसे उम्मीदें हैं। मंत्री न छोटा होता है न बड़ा। उसको फुल पावर दे दो तो वही काम कर जायेगा। टिकैत ने कहा कि सरकार में कुछ लोग चाहते हैं कि मामला हल हो लेकिन कुछ बड़े नेता ऐसा होते नहीं देखना चाहते। वे चाहते हैं कि लोगों में किसानों को बदनाम किया जाए कि वे एमएसपी बढ़वाकर महंगा बेचना चाहते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने चुनाव जीत लिए हैं। हालांकि आगे चलकर सरकार एमएसपी कानून भी लाएगी और महंगाई बढ़ाकर किसानों को जिम्मेदार ठहराएगी।

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