Gun License: रिवाल्वर या AK-47 बंदूक का कैसे मिलता है लाइसेंस, जानें पूरी प्रक्रिया
License for Gun, Pistol, Revolver: पिस्तौल या बंदूक निश्चित रूप से पुलिस या किसी भी तरह के सुरक्षा बलों को इसकी जरूरत होती है। वैसे तो गुंडे और अपराधी भी हथियार रखते हैं, लेकिन वे आपराधिक गतिविधियों को उसी तरह अंजाम देते हैं। क्या आम नागरिकों को भी हथियारों की जरूरत होती है? बेशक, अगर उन्हें अपनी जान का खतरा हो या किसी से दुश्मनी हो या फिर आत्मरक्षा के लिए उन्हें पिस्तौल या बंदूक की जरूरत पड़ सकती है।
How to Apply for Gun License
लेकिन क्या पिस्तौल रखना इतना आसान है? यह कोई सामान्य बात नहीं है कि आप बंदूक की दुकान से खरीदकर घर ले आएं। इसके लिए आपको लाइसेंस की भी जरूरत होती है। लेकिन यह लाइसेंस कैसे मिलेगा? इसे कहां बनवाना होगा और क्या आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस से यह आसानी से बन जाता है?
बंदूक का लाइसेंस पाने की पात्रता क्या है? ( What is the eligibility to get a gun license? )
आर्म्स एक्ट 1959 ( Arms Act 1959 ) के तहत आत्मरक्षा के लिए प्रशासन से लाइसेंस लेकर आप हथियार रख सकते हैं। अगर आप आत्मरक्षा के लिए पिस्तौल रखना चाहते हैं, तो इसे पाने के लिए आपकी उम्र 21 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। आप भारत के नागरिक होने चाहिए।
आपके खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए। आप पर कोई सरकारी बकाया नहीं होना चाहिए। योग्यताओं के अलावा एक अहम शर्त भी है। आपको वजह बतानी होगी कि आपकी जान को खतरा है या कोई और खतरा है या कुछ और।
जानिए बंदूक का लाइसेंस कौन जारी करता है ( Know who issues gun licenses )
लाइसेंस जारी करने का अधिकार राज्य सरकार के गृह विभाग मंत्रालय को दिया गया है। अलग-अलग राज्यों में जिला अधिकारी, जिला कलेक्टर, कमिश्नर ( District Officer, District Collector, Commissioner ) या इस रैंक के अन्य अधिकारी यह लाइसेंस जारी कर सकते हैं, लेकिन इसमें थाना और स्थानीय प्रशासन की भी भूमिका होती है। इसके लिए आपको डीजीपी के फॉर्मेट में आवेदन करना होगा। आपको बताना होगा कि आपको किस तरह का हथियार चाहिए, छोटा हथियार जैसे पिस्टल रिवॉल्वर या बड़ी बंदूक जैसे राइफल। ( Pistol revolver or large gun such as a rifle )
लाइसेंस बनवाने के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए? ( What documents are required to obtain a license? )
पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ।
मेडिकल सर्टिफिकेट
आयु प्रमाण पत्र
चरित्र प्रमाण पत्र
कुल आय की जानकारी
संपत्ति की जानकारी
नौकरी कारोबार की समुचित जानकारी
जानिए क्या प्रोसेस होता है हथियार का लाइसेंस मिलने का ( Know what is the process for getting a weapon license )
बिहार में डीएसपी रैंक के अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि सबसे पहले आपको यहां के डीजीपी कलेक्टर कमिश्नर के दफ्तर में आवेदन करना होगा. यहां से आपका आवेदन एसपी दफ्तर भेजा जाएगा और वहां से यह आवेदन आपके स्थानीय थाने में भेजा जाएगा. उसके बाद थाने में आपका वेरिफिकेशन किया जाएगा. आपकी पहचान, काम और आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पता किया जाएगा.
जरूरत पड़ने पर क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( Crime Records Bureau ) से भी जांच कराई जाएगी. थाने द्वारा की गई जांच को क्रॉस चेक भी किया जाएगा. फिर रिपोर्ट वापस एसपी दफ्तर भेजी जाएगी. वहां से औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आपका आवेदन रिपोर्ट के साथ वापस डीएम दफ्तर भेजा जाएगा.
जरूरत पड़ने पर या संदेह की स्थिति में खुफिया विभाग ( Intelligence department ) से भी जांच कराई जा सकती है. सभी रिपोर्ट के आधार पर डीएम (dm) तय करता है कि आपको लाइसेंस दिया जाएगा या नहीं. यह पूरी तरह से उनके विवेक पर निर्भर करता है कि आपको लाइसेंस जारी करना है या नहीं. यह तय नहीं है कि सभी रिपोर्ट सही हैं.
लाइसेंस मिलने के बाद हथियार कैसे खरीदें? ( How to buy a weapon after getting a license? )
अगर आपको लाइसेंस मिल जाता है तो आप वही हथियार खरीद सकते हैं जिसके लिए आपने आवेदन किया था. आप सरकारी रजिस्टर्ड दुकानों से हथियार खरीद सकते हैं। फिर आपको इसे लेकर प्रशासन के पास विवरण दर्ज कराना होगा। आपके हथियार का रिकॉर्ड भी आपके संबंधित थाने में रखा जाता है। वाह रजिस्ट्रेशन के बाद आप अपने साथ पिस्टल, राइफल या अन्य हथियार ले जा सकते हैं। आप भी हथियार रख सकते हैं
आपको गोलियों का रिकॉर्ड रखना होगा ( You must keep a record of the pills )
बंदूक के लाइसेंस ( gun license ) के लिए आवेदन के साथ ही आपको गोलियों के लिए भी अनुमति लेनी होगी। गोलियों का एक तय कोटा होता है। आपको इस बात का रिकॉर्ड रखना होगा कि आपने गोलियां कहां इस्तेमाल कीं और इसकी जानकारी भी देनी होगी, तभी आपको दोबारा गोलियां दी जाएंगी। अगर आपने दिखावे के लिए या हंगामा करने या दहशत फैलाने के लिए गोलियां चलाईं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
लाइसेंस मिलने में कितना समय लग सकता है? ( How long does it take to get a license? )
इस सवाल का कोई निश्चित जवाब नहीं है क्योंकि लाइसेंस मिलने के लिए ऐसा कोई समय तय नहीं किया गया है। बिहार, झारखंड में साल से ज्यादा समय तक लग सकता है? क्राइम रिपोर्टिंग का अनुभव रखने वाले राकेश पुरोहित तलवार कहते हैं कि लाइसेंस मिलने की प्रक्रिया काफी जटिल है। अगर आपकी तरफ से सबकुछ ठीक रहा तो डीएम चाहें तो एक महीने के अंदर आपको लाइसेंस मिल सकता है।
डीएम को मनाना बहुत जरूरी है। राकेश कहते हैं कि कई लोगों को एक साल से भी ज्यादा का समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं जिसमें दुश्मनी या किसी अन्य वजह से जान का खतरा होने पर व्यक्ति लाइसेंस के लिए आवेदन करता है। वह ऐसा करता है लेकिन लाइसेंस जारी होने से पहले ही उसकी हत्या हो जाती है। हालांकि अगर सब कुछ ठीक रहा तो प्रशासन आपकी जरूरत या इच्छा के अनुसार आपको समय पर लाइसेंस जारी कर देता है।
क्या लाइसेंस की वैधता होती है? ( Is the license valid? )
बंदूक का लाइसेंस ( gun license ) 3 साल के लिए ही मिलता है। सरकार ने इसे बढ़ाकर 5 साल कर दिया है। वैधता अवधि खत्म होने के बाद लाइसेंस को फिर से रिन्यू करना पड़ता है। इसके लिए भी लाइसेंस धारक की दोबारा जांच होती है। एक व्यक्ति दो से ज्यादा हथियार नहीं रख सकता। अगर आपने हथियार लिया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बंदूक लहराते हुए कहीं भी जा सकते हैं।
प्राथमिक लाइसेंस आपको जिला स्तर पर दिया जाता है। दूसरे जिले या राज्य में ले जाने के लिए आपको अलग से आवेदन करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के बाद गृह मंत्रालय को यह तय करने का अधिकार है कि लाइसेंस राज्य को दिया जाए या नहीं। राष्ट्रीय लाइसेंस सिर्फ केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, खिलाड़ियों और सुरक्षा अधिकारियों को ही दिए जाते हैं।
अगर नियमों का पालन नहीं किया तो क्या होगा ( What happens if the rules are not followed )
अगर नियमों का पालन नहीं किया तो आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। हथियार को सिलेंडर करना पड़ता है। अगर आप लाइसेंसी हथियार से किसी दूसरे की जान को खतरे में डालते हैं तो आप पर कानून के प्रावधानों के मुताबिक भारी जुर्माना या जेल दोनों लगाया जा सकता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप पर किस धारा के तहत आरोप लगता है।
आईपीसी की धारा 307 ( Section 307 of IPC ) के तहत जानलेवा हमला किया जाता है, जिसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है। अगर दिखावे के लिए की गई फायरिंग में किसी को गोली लग जाती है और उसकी मौत हो जाती है तो उस व्यक्ति के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होगा और भारी सजा भी मिल सकती है।