New Expressway : इस नए एक्सप्रेसवे से एकसाथ इन जिलों के हजारों गांव जुड़ेंगे, इन लोगों की किस्मत चमकेगी

New Expressway : देश में हर जगह नए हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही देश में कई हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण कर चुके हैं और नए हाईवे और एक्सप्रेसवे की सौगात देकर वे उन्हें जल्द से जल्द तैयार करने का काम भी कर रहे हैं ताकि लोग यात्रा का आनंद ले सकें और कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे के जरिए अलग-अलग राज्यों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इनमें से कई प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं और कुछ में समय लग सकता है।
इसी कड़ी में यूपी के 22 शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए गोरखपुर से शामली तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू होने जा रहा है।
700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे कहे जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा होगा। हालांकि दिसंबर 2024 में खुलने जा रहा निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे यूपी का सबसे लंबा और हाई-स्पीड रोड होगा, जिसे प्रयागराज महाकुंभ (प्रयागराज महाकुंभ 2025) से पहले जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। भविष्य में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद हरियाणा और पंजाब के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। एक्सप्रेसवे के निर्माण से जुड़ी डीपीआर तैयार है।
केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने साल 2023 में लखनऊ में बताया था कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 6 लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। वहीं, गोरखपुर से शामली तक 35,000 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की भी योजना बनाई गई है (ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना लागत)।
यह है रूट
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे में गोरखपुर, संत कबीर नगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली शामिल हैं।
शामली-गोरखपुर आर्थिक गलियारा यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा। यह यूपी के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। खास बात यह है कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे पंजाब नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है। यह एक्सप्रेसवे पूरे इलाके में सड़क संपर्क और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे इस तरह बनाया जा रहा है कि पूर्व से पश्चिम तक के शहरों को आसानी से जोड़ा जा सके। यह पूर्वी यूपी को पूर्वी यूपी से जोड़ेगा और इस तरफ हरियाणा, पंजाब और दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को जोड़ेगा। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। फिलहाल इन दोनों शहरों के बीच का सफर पूरा करने में 15 घंटे लगते हैं, लेकिन इसके बनने से यात्रा का समय घटकर सिर्फ 8 घंटे रह जाएगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को इमरजेंसी रोड के तौर पर विकसित किया जाएगा और इसमें हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। खास तौर पर इसका इस्तेमाल चीन के साथ चुनौतियों और तमाम मुद्दों से निपटने के लिए किया जा सकता है। यहां एक नया ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर नेपाल के रास्ते चीन को जोड़ेगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे से बंगाल से यूपी, हरियाणा और पंजाब तक व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली तक आयात-निर्यात में आसानी होगी। इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना है, जिसके तहत सड़क के किनारे हजारों पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, ताकि पर्यावरण के बीच संतुलन बन सके।
अंबाला और शामली के बीच एक इकोनॉमिक कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जो शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ा होगा। शामली में यह एक्सप्रेसवे गोगवान जलालपुर से शुरू होना है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भी यहीं से शुरू हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे से अंबाला-शामली इकनॉमिक कॉरिडोर और शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। इस तरह गोगवान जलालपुर को 3 एक्सप्रेसवे मिलेंगे। अधिकारियों का कहना है कि शामली-गोरखपुर कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने में काफी समय लग रहा है।