मोदी सरकार ने देश को दी 1256 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की सौगात, 26 घंटे का सफर मात्र 13 घंटे में
Amritsar Jamnagar Expressway: अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे, भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। इसके अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दिल्ली-मुंबई और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के नए खंडों का उद्घाटन किया। इनमें 74.6 किलोमीटर लंबे डांगियावास-नागपुर हाईवे का उद्घाटन भी शामिल है, जो जोधपुर रिंग रोड-1 का हिस्सा है।
चार राज्यों की कनेक्टिविटी में सुधार
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे चार प्रमुख राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को जोड़ता है। इससे इन राज्यों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा बनाया जा रहा है।
इस परियोजना के तहत 915 किलोमीटर का हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट पर आधारित होगा, जिसमें 4 से 6 लेन शामिल होंगी। शेष हिस्से को नेशनल हाईवे से अपग्रेड किया जा रहा है। 2019 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा होने की संभावना है।
सुरक्षा के लिए एडवांस्ड सिस्टम
हादसों को रोकने के लिए एक्सप्रेसवे पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। हर एक किलोमीटर पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे, और हादसे या इमरजेंसी की स्थिति में एंबुलेंस तुरंत पहुंचेगी। एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है।
यात्रा में समय और दूरी की बचत
अमृतसर और जामनगर के बीच की दूरी 1430 किलोमीटर से घटकर 1256 किलोमीटर रह जाएगी। इसके अलावा, 26 घंटे का सफर घटकर मात्र 13 घंटे का रह जाएगा।
80 हजार करोड़ रुपये की लागत
एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह राजस्थान में 636 किलोमीटर का हिस्सा कवर करेगा और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। इसके किनारे औद्योगिक इकाइयां लगाने की अनुमति होगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और चारों राज्यों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल भारत की बुनियादी ढांचे की ताकत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी में एक बड़ा योगदान देगा।