"मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना" के तहत गंभीर रूप से घायलों को हाॅस्पिटल पहुंचाने पर मिले 10 हजार रूपये, जानें योजना के बारे में विस्तार से
क्या है "मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना"?
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करने वाले "नेक लोगों" को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। इसके तहत गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मददगार को 10,000 रुपये और सामान्य घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅक्टर नवनीत शर्मा के अनुसार जिला कलेक्टर कानाराम के निर्देशन में दिवाली से दो दिन पहले हनुमानगढ़ जिले में 15 लोगों के बैंक खातों में यह प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर की गई। इस पहल का उद्देश्य न केवल घायलों की जान बचाना है, बल्कि दुर्घटना के समय मदद करने वालों को सराहना और संबल प्रदान करना भी है।
योजना का उद्देश्य
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करना है। योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को गुड सेमेरिटन के रूप में सम्मानित किया जाता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल से जाने की अनुमति भी दी जाती है, ताकि वह अपने काम पर वापस लौट सके। यदि एक से अधिक व्यक्ति किसी घायल व्यक्ति की मदद करते हैं, तो उन्हें समान रूप से प्रोत्साहन राशि और प्रशंसा पत्र दिया जाता है।
प्रोत्साहन प्राप्तकर्ताओं की सूची
जिले में 15 लोगों को इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी गई है। इनमें रावतसर के कुलविंदर सिंह, नोहर के राजकरण, भादरा के मुस्तफा, नोहर के मोहनलाल शर्मा सहित अन्य शामिल हैं, जिन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराकर उनकी जान बचाई। सभी नेक लोगों को उनके बैंक खातों में 5,000 से 10,000 रुपये तक की राशि भेजी गई है। उदाहरण के लिए, नोहर निवासी सतपाल ने 9 सितंबर 2024 को हुई सड़क दुर्घटना में घायल सतपाल और जगदीश को अस्पताल पहुंचाया और इसके लिए उन्हें 10,000 रुपये की राशि से सम्मानित किया गया।
इसी तरह, रावतसर के भीमराज ने कृष्ण कुमार को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई, जिसके लिए उन्हें भी 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। लाभार्थियों का चयन कैसे किया जाता है? जिला स्तर पर यह योजना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में संचालित होती है, जो प्रत्येक मामले का मूल्यांकन कर प्रोत्साहन राशि जारी करते हैं। दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले लोगों की पहचान और विवरण सरकार को सौंपे जाते हैं, जिसके बाद सभी पात्र व्यक्तियों को उनकी मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
योजना के प्रमुख लाभ
मदद करने वालों का सम्मान: दुर्घटनाओं में मदद करने वाले लोगों को न केवल पैसा मिलता है, बल्कि समाज में सम्मान भी मिलता है।
प्रतिक्रिया समय में कमी: समय पर मदद से दुर्घटनाओं में घायल लोगों की जान बचाई जा सकती है।
सकारात्मक समाज का निर्माण: ऐसी योजनाओं से समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने में मदद मिलती है, ताकि अधिक से अधिक लोग मदद के लिए आगे आ सकें।
सार
मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले अच्छे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक सराहनीय कदम है। इस योजना का असर हनुमानगढ़ जिले में सकारात्मक रूप से देखने को मिल रहा है, जहां समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना बढ़ रही है। उम्मीद है कि इस योजना से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में कमी आएगी और समाज में मदद की भावना को बढ़ावा मिलेगा।