Path of Duty: तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क का नाम 'कर्तव्य पथ' क्यों रखा गया, गणतंत्र दिवस की परेड यहीं से शुरू होती है

 
Path of Duty:  26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ड्यूटी रोड पर परेड होती है. इस परेड को देखने के लिए देशभर से कई लोग जाते हैं। इस साल भी कई लोग टिकट और पास लेकर इस परेड का हिस्सा बनने वाले हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गणतंत्र दिवस की परेड जहां से शुरू होती है उसे कर्तव्य पथ क्यों कहा जाता है? क्या आप जानते हैं कि इस पथ को कर्तव्य पथ क्यों कहा जाता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस रास्ते के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
Path of Duty:   इसे कर्तव्य पथ क्यों कहा जाता है?
जिस स्थान से गणतंत्र दिवस की परेड निकलती है उसे पहले राजपथ कहा जाता था। साल 2022 में जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था तो इस पथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. अब कर्तव्य पथ का अर्थ समझिये। कर्त्तव्य पथ का अर्थ है कर्तव्यों का मार्ग। यह शब्द दो शब्दों कर्तव्य और पथ से मिलकर बना है। कर्त्तव्य का अर्थ है वह कार्य जिसे करना नैतिक रूप से सही या आवश्यक है और पथ का अर्थ है रास्ता। ऐसे में कर्तव्य पथ का शाब्दिक अर्थ है वह मार्ग जो हमें अपने कर्तव्यों को पूरा करने की ओर ले जाता है। यह एक आदर्श है जो हमें अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लेने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। Also Read: Aaj ka Panchang 07 February 2024: आज है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त पूजा विधि
Path of Duty:  राजपथ से पहले इस पथ को क्या कहा जाता था?
दुतवा पथ बनने से पहले इसे राजपथ कहा जाता था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजपथ से पहले भी इस पथ का क्या नाम था। तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क को पहले क्वींसवे रोड कहा जाता था। इस पथ को यह नाम ब्रिटिश राजा किंग जॉर्ज पंचम ने दिया था। आपको बता दें कि यह देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक सड़क है। यह इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक 3 किलोमीटर लंबा है। कर्तव्य पथ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। Also Read: Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2.0: एलपीजी सिलेंडर पर 450 रुपये की सब्सिडी मिलेगी
Path of Duty:  इस पथ का वास्तुकार कौन था?
कर्तव्य पथ का निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने किया था। इसकी योजना 1911 में बनाई गई थी जब ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था। किंग्सवे का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और 1931 में पूरा हुआ। यह भारत के लोकतंत्र और लोगों की एकता का प्रतीक है। 2022 में कर्तव्य पथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया। इस नाम परिवर्तन का उद्देश्य भारत के नागरिकों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को उजागर करना था।

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