Trending: बिना कोर्ट जाए आप कब्जाधारी से छुड़ा सकते हैं अपनी संपत्ति, सुप्रीम कोर्ट ने बताया ये तरीका
Jan 15, 2024, 11:45 IST
Trending: अगर किसी ने आपकी संपत्ति यानी घर या जमीन पर कब्जा कर लिया है तो आप बिना कोर्ट गए उसे खाली करा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक अहम फैसला सुनाया है. पूनाराम बनाम मोती राम मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति दूसरे की संपत्ति पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता. अगर कोई इस तरह से किसी दूसरे की संपत्ति पर कब्जा कर लेता है तो पीड़ित पक्ष को बलपूर्वक कब्जा खाली कराने का अधिकार है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप उस संपत्ति के मालिक हों और वह आपके नाम पर हो यानी उस संपत्ति का मालिकाना हक आपके पास होना चाहिए। Also Read: Hisar: हिसार एयरपोर्ट को दिल्ली से सीधे जोड़ने की तैयारी, सरकार सीधी रेलवे लाइन बिछाने की बना रही है योजना
Trending: ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही के लिए विशिष्ट राहत अधिनियम 1963 बनाया गया है। संपत्ति से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रावधान किया गया है। हालाँकि, संपत्ति विवाद में सबसे पहले स्टे लेना चाहिए, ताकि कब्जा करने वाला व्यक्ति उस संपत्ति पर निर्माण न कर सके और न ही उसे किसी और को बेच सके। Also Read: Haryana: हरियाणा में 1 महिला सरपंच निलंबित, फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बनी थी सरपंच, जानिए पूरा मामला विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के अनुसार, यदि कोई संपत्ति आपके नाम पर है यानी उस संपत्ति का मालिकाना हक आपके पास है और किसी ने उस संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, तो उसे खाली कराने के लिए आप सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) में आवेदन कर सकते हैं। . इसके तहत मुकदमा दर्ज करना होगा।
Trending: इस तरह आप अपनी संपत्ति खाली करा सकते हैं
पूना राम बनाम मोती राम मामले में हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर आपके पास संपत्ति का मालिकाना हक है तो आप 12 साल के बाद भी अपनी संपत्ति का कब्जा बलपूर्वक खाली करा सकते हैं. इसके लिए कोर्ट में केस दायर करने की जरूरत नहीं है. हां, अगर आपके पास संपत्ति का मालिकाना हक नहीं है और उक्त व्यक्ति को कब्जा किए हुए 12 साल हो गए हैं, तो आपको अदालत में मामला दायर करना होगा।
Trending: ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही के लिए विशिष्ट राहत अधिनियम 1963 बनाया गया है। संपत्ति से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रावधान किया गया है। हालाँकि, संपत्ति विवाद में सबसे पहले स्टे लेना चाहिए, ताकि कब्जा करने वाला व्यक्ति उस संपत्ति पर निर्माण न कर सके और न ही उसे किसी और को बेच सके। Also Read: Haryana: हरियाणा में 1 महिला सरपंच निलंबित, फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बनी थी सरपंच, जानिए पूरा मामला विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के अनुसार, यदि कोई संपत्ति आपके नाम पर है यानी उस संपत्ति का मालिकाना हक आपके पास है और किसी ने उस संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, तो उसे खाली कराने के लिए आप सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) में आवेदन कर सकते हैं। . इसके तहत मुकदमा दर्ज करना होगा। Trending: पूना राम बनाम मोती राम का मामला क्या था?
पूना राम राजस्थान के रहने वाले हैं. उन्होंने साल 1966 में एक जागीरदार से जमीन खरीदी थी, जो एक जगह नहीं बल्कि कई अलग-अलग जगहों पर थी. जब उस जमीन के मालिकाना हक की बात आई तो यह बात सामने आई कि उस जमीन पर मोती राम नामक व्यक्ति का कब्जा है. हालांकि, मोती राम के पास उस जमीन का कोई कानूनी दस्तावेज नहीं था. Trending: इसके बाद पूना राम ने जमीन पर कब्जा पाने के लिए कोर्ट में केस दायर किया. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पूना राम के पक्ष में फैसला सुनाया और मोती राम को कब्जा खाली करने का आदेश दिया। इसके बाद मोती राम ने मामले की अपील राजस्थान हाई कोर्ट में की (इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया और मोती राम का कब्जा बहाल करने का फैसला किया। Also Read: Scald disease in potatoes: ठंड और कोहरे के कारण आलू में झुलसा रोग, अपनाएं झारखंड के किसान का यह उपाय नहीं होगी फसल खराब इसके बाद पूना राम ने सुप्रीम में अपील की। कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ फैसला सुनाया, जिस पर कोर्ट ने पूना राम के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि जमीन का मालिकाना हक रखने वाला व्यक्ति जबरदस्ती जमीन से कब्जा खाली करा सकता है. इस मामले में मोती राम की ओर से दलील दी गयी कि उस जमीन पर उनका 12 साल से अधिक समय से कब्जा है. लिमिटेशन एक्ट की धारा 64 कहती है कि अगर किसी की जमीन पर 12 साल से ज्यादा समय से कब्जा है तो उसे खाली नहीं कराया जा सकता. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मोती राम की इस दलील को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कानून उन मामलों में लागू होता है जहां जमीन का कोई मालिक नहीं है, लेकिन अगर कोई मालिक है और उसके पास उस जमीन का मालिकाना हक है तो उससे 12 साल बाद भी जबरदस्ती जमीन खाली कराई जा सकती है. .

