Haryana Weather: हरियाणा में आज भी सक्रिय रहेगा मानसून, इन 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

हरियाणा में मानसून लगातार एक्टिव है, जिस कारण मौसम विभाग ने आज भी मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। अगले 3 घंटों में चंडीगढ़, एसएएस नगर, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, जींद, करनाल, पानीपत में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक हफ्ते से लगातार बारिश होने और मानसूनी हवाएं चलने के कारण दिन के तापमान में लगातार गिरावट आई है।
 
Haryana Weather: हरियाणा में आज भी सक्रिय रहेगा मानसून, इन 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Haryana Weather: हरियाणा में मानसून की सक्रियता जारी, आज भी मौसम खराब रहने की संभावना

हरियाणा में मानसून लगातार एक्टिव है, जिस कारण मौसम विभाग ने आज भी मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। अगले 3 घंटों में चंडीगढ़, एसएएस नगर, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, जींद, करनाल, पानीपत में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक हफ्ते से लगातार बारिश होने और मानसूनी हवाएं चलने के कारण दिन के तापमान में लगातार गिरावट आई है। 24 घंटों में 3.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।

बारिश की स्थिति

हरियाणा में 13 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई। बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। कई इलाकों में घंटों बिजली गुल हो गई। सबसे ज्यादा बारिश अंबाला में में हुई, यहां 15.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा महेंद्रगढ़ में 7.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। रोहतक में 4.0, कुरुक्षेत्र में 1.5 एमएम, बारिश हुई। इन जिलों के अलावा जींद, रोहतक, कैथल में भी मौसम में बदलाव देखने को मिला, यहां भी कुछ एक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी देखी गई।

मानसून की स्थिति

हरियाणा में अभी मानसून 31 अगस्त तक एक्टिव रहेगा। इसकी वजह यह है कि मानसून ट्रफ रेखा दिल्ली के उत्तर में निचले स्तर पर शिफ्ट हो गई है, इसलिए सतही हवा पश्चिमी दिशा में बदल कई है। पश्चिमी हवाएं कम आर्द होने के कारण तापमान में बढ़ाती है, लेकिन अब मानसून फिर से एक्टिव होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे हालातों में सूबे में बारिश के आसार बने हुए हैं।

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किसानों को नुकसान

जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।

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