Haryana Weather Update: मानसून की सक्रियता बढ़ेगी, हरियाणा में बारिश की संभावना!

हरियाणा में मानसून की सक्रियता में कमी के बाद एक बार फिर से मानसून की वापसी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 सितंबर तक मौसम में बदलाव की संभावना है
 
Haryana Weather Update: मानसून की सक्रियता बढ़ेगी, हरियाणा में बारिश की संभावना!

Haryna Weather Update: हरियाणा में मानसून की वापसी: 29 सितंबर तक मौसम में बदलाव की संभावना

हरियाणा में मानसून की सक्रियता में कमी के बाद एक बार फिर से मानसून की वापसी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 सितंबर तक मौसम में बदलाव की संभावना है, जिसमें रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाने और नमी वाली हवाओं में कमी आने से 25 सितंबर तक मानसून की सक्रियता में कमी रहेगी। लेकिन इसके बाद एक बार फिर से नमी वाली हवाएं आने की संभावना है, जिससे मानसून की सक्रियता बढ़ेगी।

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी जिलों पंचकूला, यमुनानगर, करनाल में बारिश की संभावना है। इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों में भी रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि मानसून की सक्रियता बढ़ने से दिन के तापमान में हल्की गिरावट और वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की संभावना है।

मानसून की वापसी से किसानों को राहत मिल सकती है, जो अपनी फसलों के लिए पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, मानसून की सक्रियता से वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होगी, जिससे तापमान में कमी आएगी।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

हरियाणा में मानसून की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी निम्नलिखित है:

- 25 सितंबर तक मानसून की सक्रियता में कमी रहेगी।
- 29 सितंबर तक मौसम में बदलाव की संभावना है।
- उत्तरी जिलों में बारिश की संभावना है।
- राज्य के अन्य जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
- मानसून की सक्रियता बढ़ने से दिन के तापमान में हल्की गिरावट और वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की संभावना है।

यह जानकारी मौसम विभाग और हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त की गई है।

Tags

Around the web