Rain Alert: पश्चिमी विक्षोभ से कई जिलों में बारिश के आसार, हरियाणा के इन 18 जिलों में धुंध का अलर्ट जारी

Weather Update News: हरियाणा में पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर साफ दिखाई दे रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण प्रदेश के कई इलाकों में मौसम ने अचानक करवट ली है। पानीपत, पंचकूला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत जैसे जिलों में हल्की बारिश और बादलवाई दर्ज की गई है। इससे तापमान में गिरावट आई है, जिससे सर्दी के प्रभाव में बढ़ोतरी हुई है। ठंडी हवाओं के चलने से लोगों को सुबह और रात के समय ज्यादा ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले 24 घंटे तक जारी रहने की संभावना है। इस दौरान हरियाणा के कई जिलों में गरज और चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ ओले गिरने की संभावना भी व्यक्त की गई है। मौसम में आए इस बदलाव के चलते किसानों को अपनी फसलों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि बारिश और ओलावृष्टि गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है।
सर्दी का यह दौर न केवल किसानों बल्कि आम जनता के लिए भी चुनौती बन रहा है। लोग गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, और सुबह-शाम अलाव जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का उपयोग करें और ठंडी हवाओं से बचाव के लिए सावधान रहें।
इस बदलते मौसम ने प्रदेश में ठंड का असर और गहरा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का यह सिलसिला जारी रहा तो ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ सकता है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में यह ठंड लंबे समय तक टिक सकती है।
हरियाणा में सर्दी का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में प्रदेश के 18 जिलों में घने धुंध का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही 11 दिसंबर से शीतलहर तेज होने की संभावना है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ जाएगा। रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जो लोगों के लिए सर्द मौसम को और चुनौतीपूर्ण बना देगा।
मौसम विभाग के मुताबिक, 13 दिसंबर तक हरियाणा के कई जिलों में घनी धुंध छाई रह सकती है। इस कारण सुबह और रात के समय दृश्यता कम हो जाएगी, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। पहाड़ों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिलेगा। इसके कारण दिन और रात दोनों समय के तापमान में गिरावट जारी रहेगी।
ठंड और धुंध के इस दौर ने आम जनता के साथ-साथ किसानों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। धुंध और गिरते तापमान का असर फसलों पर पड़ सकता है, खासकर सरसों और गेहूं की फसल के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को फसलों को ठंड से बचाने के लिए उपाय करने चाहिए।
मौसम के इस बदलाव के चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी सतर्क रहने की सलाह दी है। सर्दी के कारण बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने और शरीर को पर्याप्त रूप से गर्म रखने की सलाह दी गई है।
इस बीच, प्रदेश के लोग ठंड से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। बाजारों में गर्म कपड़ों और हीटरों की मांग बढ़ गई है। सुबह और रात के समय लोग अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की सर्दी पहले की तुलना में अधिक तीव्र हो सकती है, क्योंकि पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है।