White Rust Mustard: सरसों में सफ़ेद रतुआ रोग बना किसानों का सिरदर्द, जानें रोकथाम के उपाय
Dec 18, 2023, 09:59 IST

White Rust Mustard: सरसों में सफेद रतुआ रोग की पहचान
इस समय सरसों मुख्य रूप से डाउन मेलोडी रोग एवं सफेद रतुआ रोग से प्रभावित है। किसानों को डाउन मेलोडी रोग एवं सफेद रतुआ रोग की पहचान करने में कठिनाई होती है। कभी-कभी किसान दोनों बीमारियों के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। सफेद झुलसा रोग में आपको पत्तियों के नीचे की तरफ छोटे-छोटे सफेद फफोले दिखाई देंगे। यदि आप निचली पत्तियों को देखेंगे तो आपको ये छाले अधिक दिखाई देंगे। धीरे-धीरे ये छाले बड़े हो जाते हैं और पत्ती सूख जाती है। इस रोग में फलियों के नीचे का भाग भी सूजकर मोटा हो जाता है तथा उसमें सफेद रंग की फफूंद भी विकसित हो जाती है। जैसे ही पत्तियाँ सूख जाती हैं, पौधा भोजन लेना बंद कर देता है। फलियों में दाने नहीं होते या बहुत कम होते हैं। Also Read: PM Awas Yojana: मकान पात्रों की नई लिस्ट जारी, तुरंत देखें लिस्ट में अपना नाम
White Rust Mustard: सरसों में सफेद रतुआ रोग लगने का समय
जब आपके खेत में नमी बढ़ जाती है. और कम तापमान. उसे समय पर यह रोग अधिक होने लगता है। जब आपके खेत में पानी भरा होता है और धुंध के कारण दिन में सूरज नहीं निकलता है, तो पौधे के नीचे की पत्तियाँ गीली रहती हैं। इससे यह बीमारी तेजी से फैलने लगती है।White Rust Mustard: सरसों में सफेद रतुआ रोग की रोकथाम
वैसे सरसों में फूल आने पर छिड़काव करना कठिन होता है। लेकिन फिर भी किसानों को इससे बचाव के लिए स्प्रे करना पड़ता है. सरसों में सफेद झुलसा रोग की रोकथाम के लिए आप नीचे दी गई कुछ तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। रिडोमिल गोल्ड 1 किलोग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें सुमितोमो (हारू) टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WZR 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। Also Read: Potato Disease: आलू की खेती को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं ये रोग, जानें पहचान और बचाव तरीका