Diwali Celebrations: देवी लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न; क्या है दिवाली पर कंदील जलाने की परंपरा?

 
Diwali Celebrations: देवी लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न; क्या है दिवाली पर कंदील जलाने की परंपरा?
Diwali Celebrations: आकाश दीप को आकाश कंदील से नाम से भी जाना जाता है. आपतो बता दें कि दिवाली के सजावटी सामान में आकाश दीप भी शामिल होता है. इसे माता लक्ष्मी और गणेश को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए जलाते हैं. आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन इसे जलाने का क्या महत्व है.   रौशनी का त्योहार दिवाली अपने साथ खुशियां और उल्लास लेकर आता है. दीपोत्सव पर लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं. उन्हें शुभकामनाएं देने के साथ-साथ मंगल की कामना करते हैं. शाम के समय लोग अपने घर में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर और गणेश जी की पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली के अवसर पर पर आकाश दीप जलाया जाता है. Also Read:Sports : जूनियर महिला हॉकी विश्वकप में दिखाएंगी दम, सोनीपत की तीन बेटियां का टीम में हुआ चयन मौजूदा समय में दिवाली के समयआकाश दीप जलाने की परंपरा मानों लोग भूल से गए हों. इसे आकाश कंदील के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि इसे दीपावली के सजावटी सामानों का अहंम हिस्सा माना जाता है. माना जाता है कि आकाश दीप माता लक्ष्मी और गणेश को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए जलाते हैं.   Also Read:Mathura: पटाखा बाजार में लगी भीषण आग, दूर तक सुनाई दी धमाकों की गूंज; 20 से अधिक जख्मी रामायण से जुड़ा इतिहास शायद इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान राम के अयोध्या लौटने पर नगरवासियों ने उनके स्वागत में आकाश दीप जलाए थे. उस दौरान लोगों श्री राम को अयोध्या के दीपोत्सव को दूर तक दिखाने के लिए बांस का खूंटा बनाकर उसमें दीए को रोशन किया था. तभी से आकाश दीप दिवाली पर जलाया जाने लगा. महाभारत से भी जुड़ा आपको बता दें कि बनारस या वाराणसी में आज पितरों की याद में आकाश दीप जलाने की परंपरा है. रामायण के साथ-साथ इसका इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा है. कहा जाता है किमहाभारत में युद्ध के दौरान दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में भीष्म पितामह ने कार्तिक के महीने में विशेष रूप से दीए जलाए थे. इसी के बाद से ही आकाश दीप जलाने की शुरूआत हुई. आती है सुख-समृद्धि आकाश दीप जलाने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. जो इंसान कंदील को जलाता है, उनके ऊपर पितर और देवी देवताओं की कृपा हमेशा बनी रहती है. ये भी कहा जाता है कि ऐसे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. तो इस दिवाली के त्योहार पर आप भी परंपरा को बनाए रखते हुए आकाशदीप को जलाएं.

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